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शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

शादी के बाद नये जोड़े संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर जगदंबा स्थान करौटा मंदिर में...

jagdamba sthan narauli karauta patna bihar

जगदम्बा स्थान मन्दिर करौता नरौली में शादी के बाद नई नवेली दूल्हा दुल्हन संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर पूजा अर्चना करने आते है। इस मंदिर में भक्त नारियल फोड़कर पूजा अर्चना करते हैं और संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगते हैं। वही व्यपारियों के लिए इस मंदिर से बड़ी आस्था है। वैसे तो यहाँ हर दिन पूजा पाठ किया जाता है, लेकिन शनिवार और मंगलवार के दिन भक्तों की भीड़ ज्यादा रहता है। वही शनिवार और मंगलवार को मंदिर के आसपास और प्रांगण में मेला जैसा माहौल बन जाता है।
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जगदंबा स्थान करौटा

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एक विशाल पीपल के पेड़ की खोह में मूर्ति को स्थापित किया गया है। जिसकी जड़े मंदिर के अंदर तक फैला हुआ है। मंदिर के प्रांगण के आसपास कई सारे देवी देवताओं के और भी मंदिर है। साथ ही मुख्य मंदिर के बगल में एक तालाब के बीच लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा स्थापित की गई है जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है। तालाब के किनारे बैठने के लिए सीमेंट का लकड़ी के आकार का कुर्सी बनाया गया है, और उसके बगल में फूलों का पौधा लगाया गया है। जिसे देखकर वहाँ बैठने के लिए लोग अपने आप खिंचे चले आते है।



जगदंबा स्थान नरौली करौटा

यहाँ वाहन पूजन, मुंडन संस्कार, शादी विवाह भी होता है। जिसके लिए मंदिर प्रांगण में ही दो मंजिला धर्मशाला बनाया गया है। जिसमें कई कमरें है जो किराये पर उपलब्ध हो जाता है। लगन मुहूर्त के समय इसे पहले ही बुक किया जाता है। क्योंकि इस समय एक रात में कई शादियाँ हो जाता है। और शादी के बाद नई नवेली दुल्हा दुल्हन मंदिर में माता का आशीर्वाद लेने जरूर जाते हैं। वही इस मंदिर के प्रति लोगों की ऐसी आस्था है कि आसपास के इलाके में कहीं भी शादी हो शादी के बाद माता के मंदिर में नये जोड़े आशीर्वाद लेने जरूर आते है।
jagdamba sthan dikhaye
जगदंबा स्थान करौटा मंदिर

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मंदिर प्रांगण के आसपास सैंकड़ों दुकानें लगी हुई है। जिसमें नारियल, प्रसाद, फूलमाला इत्यादि की बिक्री की जाती है। जाड़े के मौसम में सुबह पाँच बजे माता की आरती की जाती है। जिसमें सामिल होने के बाद मन को एक अलग ही सकून मिलता है। पूजा पाठ करने के बाद यदि आपको कुछ चटपटा खाने की इच्छा है तो बगल में ही चाट समौसे की कई दुकानें है।  जहाँ आप अपने जीभ का स्वाद और पेट की भूख मिटा सकते है। साथ ही वहाँ आपको गर्मागर्म जलेबी, गुलाब जामुन, रसगुल्ले इत्यादि कई सारे मिठाई के वेराइटी मिल जायेंगे। जिसका नाम सुनते ही जीभ से पानी टपकने लगता है। वही गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी, सॉफ्टड्रिंक, कोल्डड्रिंक इत्यादि की बोतल भी मिल जायेगा।



Karauta Mandir History In Hindi

मन्दिर में स्थापित की गई मूर्ति का इतिहास बर्षो पुराना है। बताया जाता है कि बख्तियार खिलजी के समय में यहाँ एक प्रसिद्ध मंदिर हुआ करता था। जिसे विध्वंस के दौरान तोड़ दिया गया था। साथ ही मन्दिर में स्थापित मूर्ति को भी खंडित कर दिया गया था। उस समय यहाँ का क्षेत्र सुनसान हुआ करता था। मन्दिर टूटने के बाद मन्दिर में स्थापित मूर्ति मन्दिर के मलबे के अन्दर कई बर्षो तक दवी रही। मलबे में ईंट पत्थर होने की बजह से वहाँ पर पीपल का पौधा उपज गया। जो बर्षो बाद विशाल पेड़ बन गया।
karauta mandir history in hindi
जगदंबा स्थान नरौली करौटा

jagdamba sthan karauta history

उस पेड़ की जड़ें जब ऊपर आई तो उस जड़ में से खंडित मूर्ति का कुछ हिस्सा बाहर निकलने लगा। जिसे खेतों में काम करने बाले कुछ किसानों ने देखा और गाँव बाले को बताई। उसके बाद यह बातें आसपास के गाँव में भी फैल गई कि पीपल के पेड़ से माता की मूर्ति प्रकट हुई हैं। पूजा पाठ का शिलशिला शुरू हुआ तो लोगों ने मन्नतें माँगना भी शुरू कर दिया। मन्नतें पूरी होती गई तो माता के प्रति भक्तों की आस्था भी बढ़ने लगी। ग्रामीणों की मदद और भक्तों की सहयोग से पीपल के पेड़ को बिना नुकसान पहुँचाये मंदिर का निर्माण किया गया।
jagdamba sthan karauta
karauta temple bihar

Patna to karauta mandir distance

पटना जंक्शन से 36 किलोमीटर पूरब करौता रेलवे स्टेशन से मात्र एक किलोमीटर दक्षिण माता का मंदिर है। जो करौता रेलवे स्टेशन से ही दिखाई देने लगता है। इस स्टेशन पर ज्यादातर पैसेंजर ट्रेन ही रुकता है। यदि आप रेल मार्ग से आने का मन बना रहे है तो इन बातों का पता लगा लें कि कौन सा ट्रैन यहाँ रुकता है और कौन सा ट्रेन नही रुकता है। यदि आप सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो पटना बख्तियारपुर फोर लेन के पास ही माता का मंदिर है। जिसका वाहन पार्किंग फोर लेन के उत्तर साइड बगल में ही मिल जायेगा। फोर लेन सड़क के बगल में ही मंदिर का बड़ा सा द्वार बना हुआ है। जिसे आप चलती हुई गाड़ी से भी आसानी से देख सकते हैं।

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